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अलसी के फायदे, उपयोग और नुकसान – Flax Seeds (Alsi) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

इस रफ्तार भरी जिंदगी में किसी के पास इतना भी समय नहीं है कि वो अपनी सेहत पर ध्यान दे सके। इस कारण उन्हें कई बीमारियां घेर लेती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आहार में किसी ऐसी चीज को शामिल करें, जिससे आपको सभी तरह के पोषण मिल सकें और आप बीमारियों से भी दूर रहें। अलसी इन्हीं में से एक है। अलसी भले ही दिखने में छोटी हो, लेकिन इसके बीज के फायदे अनेक हैं। अलसी के औषधीय गुण बीमारियों पर रामबाण की तरह काम करते हैं। आज इस लेख में हम अलसी के फायदे बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आप इसे अपने आहार में जरूर शामिल करेंगे।

अलसी क्या होती है?

इससे पहले कि हम आपको अलसी के फायदे बताएं, आप यह जान लें कि अलसी होती क्या है। अलसी को इंग्लिश में फ्लैक्ससीड (flaxseed) कहा जाता है और इसे तीसी के नाम से भी जाना जाता है। लोग कई वर्षों से इसका उपयोग कर रहे हैं और यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

अलसी के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Flax Seeds in Hindi

Medicinal Properties of Flax Seeds in Hindi

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अलसी गुणों का खजाना है, लेकिन कई लोग आज भी इससे अनजान हैं। अलसी हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करती है। शाकाहारी लोगों के लिए अलसी वरदान है, क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी में मौजूद होता है। साथ ही इसमें लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर व अल्फा लिनोलिक एसिड भी मौजूद होता है (1) (2), जो आपके शरीर में होने वाली तरह-तरह की बीमारियां जैसे – डायबिटीज, दिल की बीमारी, पेट की परेशानी और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम करते हैं। अलसी के औषधीय गुण मनुष्य के लिए अमृत से कम नहीं हैं।

अलसी के औषधीय गुण जानने के बाद अब वक़्त आ गया है, अलसी के फायदे जानने का। नीचे हम स्वास्थ्य के लिए अलसी खाने के फायदे बता रहे हैं।

अलसी के फायदे – Benefits of Flax Seeds in Hindi

यहां हम स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अलसी के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। सबसे पहले हम यह बताते हैं कि सेहत के लिए अलसी किस प्रकार फायदेमंद है।

सेहत/स्वास्थ्य के लिए अलसी के फायदे

सही वक्त पर संतुलित खाना न खाने और बेवक्त सोने से शरीर बीमारियों का घर बना देता है। ऐसे में जरूरी है कि आप वक्त रहते अपने सेहत पर ध्यान दें और अपने डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करें। ऐसे में अलसी एक अच्छा उपाय है। अब देर किसी बात की, अलसी के फायदों को पढ़ें और इसे अपने आहार में शामिल करें।

1. वजन कम करने के लिए

vajan kam karane ke lie

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हम काम तो करते हैं, लेकिन शारीरिक कम और मानसिक ज्यादा। ज्यादा समय लैपटॉप और कंप्यूटर के आगे गुजरता है। इससे वजन कब बढ़ने लगता है, पता ही नहीं चलता। साथ ही काम में अधिक व्यस्त होने के कारण खानपान पर ध्यान न देना, बाहर का तला-भुना खाना से वजन बढ़ने लगता है और कई बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं। ऐसे में अगर अलसी के बीज का सेवन किया जाए, तो यह परेशानी कम हो सकती है। अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो वजन को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जोकि लाभदायक फैट होता है। यह भूख को कम कर सकता है, जिससे आपका वजन कम होने में मदद मिल सकती है।

अलसी के बीज में मौजूद लिगनेन कोशिकाओं (cell) को काम करने में मदद करता है, जिस कारण आपका फैट कम हो सकता है। लिगनेन चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है, जिस कारण भी आपका वजन कम हो सकता है। अलसी के बीज के पाउडर वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अलसी के बीज फैट निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर में वसा की मात्रा कम हो जाती है (3)।

2. ब्लड प्रेशर को करता है कम

जैसे ही इंसान तनाव में आने लगता है, तो उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां घर करने लगती है और हाई ब्लड प्रेशर उन्हीं में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर होने से दिल के दौरे का या ब्रेन हैमरेज होने के अलावा अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए, आप रोज जितनी जरूरत हो सके उतना व्यायाम करें और खानपान का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने खाने में अलसी के बीज को शामिल करें। इसमें लिनोलिक एसिड, लिगनेन व फाइबर होते हैं, जो कुछ हद तक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं (4) (5)।

3. मधुमेह के लिए

madhumeh ke lie

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इन दिनों हर कोई मधुमेह से ग्रस्त है। इसलिए, जरूरी है कि लोग वक्त रहते इस पर ध्यान दें। मधुमेह में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो ब्लड शुगर का स्तर कुछ प्रतिशत तक कम हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें म्यूसिलेज होता है, जो एक प्रकार का फाइबर होता है। यह पाचन को नियंत्रित कर खून में ग्लूकोज कम करताा है।

इसके अलावा, प्रारंभिक अध्ययनों से यह भी पता चला है कि फ्लैक्ससीड्स मधुमेह को होने से कुछ हद तक रोक भी सकता है। इसमें एसडीजी नामक एक यौगिक होता है, जो टाइप-1 मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है और टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका को कम कर सकता है (6)।

4. सर्दी-खांसी में असरदार

बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का भी रूप ले सकती है। ऐस में अगर आप अलसी के बीज को घरेलू उपाय के रूप में अपनाएंगे, तो सर्दी-जुकाम की परेशानी कम हो सकती है। सर्दी-जुकाम होने पर अलसी के पाउडर की चाय पिएं या फिर आप दो चम्मच अलसी को एक कप पानी में तब तक उबालें, जब तक वो गाढ़ा न हो जाए। अब इसको छान लें और इसमें तीन चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं। आप अलसी के बीज को अपने सूप, स्मूदी या अन्य खाद्य पदार्थ में भी शामिल कर सकते हैं। अलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं। इसे प्राचीन काल से सर्दी-जुकाम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है (7)।

5. कोलेस्ट्रॉल को करता है कम

जब बात आए कुछ हेल्दी खाने की, तो अलसी एक अच्छा ऑप्शन है, अलसी शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम करता है (8) (9)। आप हर रोज छोटे चम्मच से एक या दो चम्मच अलसी के पाउडर का सेवन करें। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक कम होगा और आपको एनर्जी भी मिलेगी, क्योंकि अलसी में फाइबर और ओमेगा-3 होता है, जो आपको ऊर्जा देगा।

6. दिल के लिए फायदेमंद

Beneficial for the heart

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शरीर को स्वस्थ रखना है, तो दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। तनाव, गलत खानपान और कई अन्य कारणों से हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में अगर आप अलसी के बीज का सेवन शुरू करें, तो दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है, जो दिल के बीमारी का खतरा कम करता है (10) (11)। यह धमनियों के काम को सुधारता है। एक और अध्ययन के अनुसार, अगर कोई एएलए (ALA), जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रकार होता है, उसका सेवन करे, तो हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है (12) (13)।

7. जोड़ों के दर्द या गठिया में खाएं अलसी

एक वक्त था जब हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ती उम्र की निशानी हुआ करती थी, लेकिन आजकल लगभग हर कोई हड्डियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहता है। कभी पूरा दिन कुर्सी पर बैठे रहने से, कभी जरूरत से ज्यादा दौड़-भाग करने से, तो कभी बदलते मौसम की मार से। कई बार लोग शुरुआत में इन दर्द को अनदेखा कर देते हैं, जो आगे चलकर मुसीबत बन जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप पहले से ही सावधानियां बरतें। आप जोड़ों के दर्द के लिए अलसी का सेवन कर सकते हैं या फिर अलसी के पाउडर को सरसों के तेल में गुनगुना करके जोड़ों पर लगाएं, आपको आराम मिलेगा। हालांकि, यह कहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि अलसी के बीज गठिया में असरदार होगा या नहीं, लेकिन इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जिससे गठिया की परेशानी कम हो सकती है। इसलिए, यह कह सकते हैं कि अलसी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द या गठिया की बीमारी में काफी असरदार हो सकते हैं (14) (15)।

8. गर्भावस्था के दौरान अलसी का सेवन

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को अपने गर्भ में पल रहे शिशु का खास ध्यान रखना होता है। इसलिए, गर्भावस्था में महिला को खानपान का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसे में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो गर्भवती महिला के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। अलसी में प्रचुर मात्रा में फाइबर, ओमेगा-3 और प्रोटीन होता है और एक गर्भवती महिला को इन सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है (1)। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को कब्ज की परेशानी होती है, लेकिन सीमित मात्रा में अलसी के सेवन से यह समस्या दूर हो सकती है, क्योंकि अलसी में फाइबर होता है, जो कब्ज से राहत दिला सकता है। वहीं प्रोटीन और ओमेगा-3 गर्भ में पल रहे शिशु के लिए महत्वपूर्ण होता है।

नोट: जैसा कि सभी जानते हैं कि गर्भावस्था महिला के लिए एक नाजुक दौर होता है और हर महिला की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है या है, तो गर्भावस्था के दौरान अलसी खाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। इसके अलावा, अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए भी गर्भावस्था में इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय लें।

9. इम्यून सिस्टम के लिए

मनुष्य का इम्यून सिस्टम सही होना बहुत जरूरी है, अगर किसी का इम्यून सिस्टम ठीक नहीं है, तो वो बार-बार बीमारी का शिकार होने लगता है। किसी भी व्यक्ति को अपना इम्यून सिस्टम सही रखने के लिए न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि खाने का भी ध्यान रखना चाहिए। इम्यून पावर बढ़ाने के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं, इसमें एएलए (ALA) होता है, जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड है। अलसी में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो इम्यून पावर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इससे आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता आती है (7)। आप अलसी के बीज या उसके पाउडर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

10. लिवर के लिए अलसी

livar ke lie alasee

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व्यस्त दिनचर्या की वजह से लोग खानपान का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते, नतीजतन पेट और लिवर संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। इनसे बचने के लिए और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपको ऊर्जा मिलेगी, बल्कि आपका लिवर भी स्वस्थ रहेगा (16)। इसके सेवन के साथ-साथ आपको अपनी जीवनशैली और खानपान का खास ख्याल रखना होगा, तब जाकर आपको पेट और लिवर संबंधी समस्यायों से छुटकारा मिल पाएगा।

11. कैंसर से बचाव

एक वक्त था जब कैंसर कुछ गिने-चुने लोगों को ही होता था, लेकिन अभी की जीवनशैली की वजह से कैंसर सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह बन चुका है। ऐसे में गुणों का खजाना माने जाने वाले अलसी का सेवन किया जाए, तो यह खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है। कुछ अध्यनों के अनुसार रजोनिवृत्ति के बाद अगर महिलाएं अपने आहार में अलसी को शामिल करें, तो ब्रेस्ट कैंसर होने से बचा जा सकता है (17) (18)। अलसी के बीज कैंसर वाले मरीजों में ट्यूमर की वृद्धि को भी कम कर सकते हैं (19) (20)। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो कई तरह के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद लिगनेन भी कैंसर ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है (7)। शोध के अनुसार, अलसी के बीज से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका कम हो सकती है (21)।

12. फंगल इंफेक्शन में फायदेमंद

कभी-कभी बदलते मौसम, धूल-मिट्टी या प्रदूषण की वजह से त्वचा संबंधी परेशानियां होने लगती है। इन्हीं परेशानियों में से एक है फंगल इन्फेक्शन, जिसमें त्वचा में खुजली व जलन होने लगती है और कभी-कभी तो त्वचा के ऊपरी सतह पर रैशेज, पपड़ी व लाल निशान उबर आते हैं। जरूरी नहीं कि यह सिर्फ बदलते मौसम के कारण ही हो, कभी-कभी दवाई के साइड इफेक्ट से भी फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इस पर ध्यान दें। फंगल इंफेक्शन के लिए आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। अलसी में एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण फंगल इंफेक्शन की परेशानी से बचाव हो सकता है (22)। अलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो फंगस को बढ़ने से रोकते हैं (23)।

13. किडनी के लिए

आजकल की लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में तरह-तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। किडनी की बीमारी उन्हीं में से एक है। कम पानी पीना, गलत खानपान, डायबिटीज या यूटीआई (uti) जैसी समस्याएं कई बार किडनी की समस्या का कारण बन जाती हैं। इसलिए, जरूरी है कि वक्त रहते इस पर ध्यान दिया जाए। आप अपने आहार का खास ध्यान रखें और अपने खाने में अगर अभी तक आपने अलसी के बीज शामिल नहीं किए हैं, तो इसे शामिल करें। अलसी में मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alpha Linolenic Acid – ALA) किडनी की परेशानी का जोखिम कुछ हद तक कम कर सकता है (24)। इसलिए, अगर किडनी की समस्या से बचना है, तो अलसी को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही सही जीवनशैली को अपनाएं।

14. पेट में सूजन या गैस्ट्राइटिस (Gastritis)

Gastritis

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कई लोग पेट संबंधी समस्यायों से परेशान हो रहे हैं। इसका कारण सही वक्त पर खाना न खाना, ज्यादा तेल-मसाले वाला या बाहर का तला-भुना खाना। पेट की समस्या लोगों में भले ही आम हो, लेकिन हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते। अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह पेट में सूजन या अल्सर का रूप ले सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपने खानपान में सुधार करें और आहार में अलसी को शामिल कर पेट की सूजन को सही वक्त पर ठीक करें (25)। आप चाहें तो अलसी के तेल का भी सेवन कर सकते हैं। आप इसे सलाद या स्मूदी के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। इसके तेल से भी पेट की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है (26)।

15. ब्लड शुगर के लिए

ब्लड शुगर का संतुलित रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव आपको डायबिटीज का मरीज बना सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए आप अपनी डाइट में अलसी को शामिल करें। इसमें ब्लड शुगर को कम करने के गुण तो है ही साथ ही यह डायबिटीज के दौरान इस्तेमाल की जानें वाली दवाइयों का प्रभाव भी बढ़ाता है (27)।

16. बुखार में अलसी का सेवन

बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम और बुखार होना आम बात है। ऐसे में जरूरी है कि मौसम के शुरुआत से ही सावधानी बरती जाए। आप अलसी का सेवन कर सकते हैं, इसे कई सालों से आयुर्वेदिक औषधीय के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण बुखार से बचाव कर सकते हैं (7) (28), आप चाहें तो अलसी के लड्डू खा सकते हैं।

17. गले में खराश के लिए

gale mein kharaash ke lie

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मौसम ठंडा हो या गर्म गले में खराश की परेशानी कभी भी हो सकती है। अगर शुरुआत में गले की खराश पर ध्यान न दिया जाए, तो यह आगे चलकर बहुत बड़ा रूप भी ले सकती है। हालांकि, कई लोग तुरंत दवाइयों का भी सेवन शुरू कर देते हैं, जो कई बार सही नहीं होता है, इसलिए घरेलू उपाय आजमाने चाहिए। गले में खराश के लिए अलसी एक अच्छा घरेलू उपाय साबित हो सकता है। आप अपने गले को आराम देने के लिए एक कप पानी में दो से तीन चम्मच अलसी के बीज को तब तक उबालें, जब तक यह गाढ़ा न हो जाए। फिर इस पानी को छान लें और इसमें थोड़ा-सा शहद और नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। अलसी को कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि की तरह उपयोग किया जाता आ रहा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की खराश को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (7) (29)।

18. अस्थमा या दमे में करें सेवन

अस्थमा या दमा की समस्या किसी को भी हो सकती है। जिन्हें यह परेशानी होती है, उन्हें बदलते मौसम या धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचना चाहिए। इस दौरान अपना खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खे भी आजमाने चाहिए। दमे के मरीज अगर सुबह एक गिलास पानी में एक चम्मच अलसी के पाउडर को भिगो दें और शाम को इसे छानकर पिएं, तो दमे की परेशानी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। ध्यान रहे कि आप कांच के गिलास का ही इस्तेमाल करें। आप इस पाउडर को सुबह पानी में भिगोकर शाम को सेवन कर सकते हैं या शाम को भिगोकर सुबह सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद, ओमेगा-3 फैटी एसिड दमा की परेशानी से राहत दे सकता है (30)।

19. कान में दर्द के लिए अलसी

कई बार धूल-मिट्टी के वजह से, नहाते वक्त कान में पानी चले जाने से या अन्य कई कारणों से कान में संक्रमण हो जाता है और कान में असहनीय दर्द होता है। कई बार यह दर्द रात में भी होता है, लेकिन उस समय कोई दवाई घर में न होने से परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐसे में अलसी का तेल कान दर्द से कुछ देर के लिए राहत दिला सकता है। हालांकि, अभी तक इसका कहीं कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन कई लोगों ने इस नुस्खे का अनुभव किया है।

20. दांत दर्द में अलसी के बीज

daant dard mein alasee ke beej

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आजकल दांत और मसूड़ों में दर्द की समस्या आम हो गई है। कभी ज्यादा मीठा खाने से कैविटी की परेशानी, कभी ठंड की वजह से मसूड़ों में सूजन और दर्द किसी को भी हो सकती है। जरूरी नहीं कि हर बार दवाई का सेवन किया जाए। आप दवा की जगह घरेलू उपाय भी कर सकते हैं, अलसी इन्हीं घरेलू उपायों में से एक है। आप अलसी को अपने स्मूदी में उपयोग कर सकते हैं। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे हर प्रकार की सूजन या मसूड़ों की परेशानी दूर हो सकती है। अगर परेशानी ज्यादा दिनों तक हो, तो अपने डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं (31)।

अब हम त्वचा के लिए अलसी खाने के फायदे जान लेते हैं।

त्वचा के लिए अलसी के फायदे – Skin Benefits of Flax Seeds in Hindi

स्वास्थ्य के लिए अलसी के लाभ तो आप जान ही गए हैं मुलायम, बेदाग़ त्वचा की चाहत हर किसी को होती है और इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय और घरेलू नुस्खे भी अपनाते हैं। इन्हीं घरेलू उपाय में अगर आप अलसी को शामिल करें तो आपकी त्वचा और खूबसूरत हो सकती है। नीचे हम त्वचा के लिए अलसी के बीज के फायदे आपको बता रहे हैं।

1. कील-मुंहासों के लिए अलसी

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कील-मुंहासे किसी को भी हो सकते हैं। इसके लिए लोग कई तरह की क्रीम, फेसवॉश या घरेलू उपाय का प्रयोग करते हैं। इन उपायों में अगर अलसी को शामिल किया जाए, तो कुछ हद कील-मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है। आप चाहें तो हर रोज एक या दो चम्मच अलसी का सेवन करें या फिर आप इसे फेस मास्क की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। नीचे हम फेस मास्क बनाने की विधि आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

अलसी का फेस पैक

सामग्री

  • एक चम्मच अलसी का पाउडर
  • तीन से चार चम्मच पानी

बनाने की विधि

  • आप अलसी के बीज का पाउडर बना लें। यह आपको बाजार से भी मिल जाएगा।
  • एक चम्मच अलसी के पाउडर को तीन चम्मच पानी में 10 से 15 मिनट के लिए भिगो दें।
  • कुछ देर बाद आप देखेंगे की यह चिपचिपा पेस्ट तैयार होने लगा है।
  • अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं।
  • फिर इसे सूखने दें।
  • उसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोकर मॉइश्चराइजर लगा लें।

कैसे फायदेमंद है

अलसी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कई तरह के विटामिन, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है (7) (32), जो त्वचा में निखार ला सकता है । इसके अलावा, इसके सेवन से कब्ज की परेशानी भी दूर हो सकती है (33) (34), जिस कारण शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और कील-मुंहासों की परेशानी दूर होती है।

2. सोरायसिस में अलसी

सोरायसिस एक त्वचा संबंधी बीमारी है, यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। यह ज्यादातर कोहनी, हाथ-पैर, स्कैल्प, घुटनों, हथेलियों व पांव के तलवों में होती है। इसमें त्वचा पर लाल रंग के धब्बे नजर आने लगते हैं और खुजली या जलन हो सकती है। ऐसे में आप अलसी का तेल लगा सकते हैं। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं को कुछ हद तक दूर सकता है, लेकिन इस बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करें, क्योंकि हर किसी की त्वचा एक जैसी नहीं होती है। अगर आपकी त्वचा में किसी भी चीज से जल्दी इंफेक्शन या एलर्जी होती है, तो पहले इसका पैच टेस्ट कर लें।

3. एक्जिमा में अलसी के बीज

दवाई के साइड इफेक्ट, ज्यादा साबुन या डिटर्जेंट के इस्तेमाल से, धूल-मिट्टी व अन्य कारणों से त्वचा में संक्रमण हो जाता है, एक्जिमा उन्हीं में से एक है। बार-बार खुजली या जलन होना या कभी-कभी रैशेज होना एक्जिमा के लक्षण होते हैं। इस बीमारी को दूर करने के लिए रोज एक या दो चम्मच अलसी का सेवन करें। एक्जिमा के साथ-साथ अलसी दाद जैसी त्वचा संबंधी परेशानी में भी फायदा करता है।

4. फोड़े-फुंसी के लिए

फोड़े-फुंसी की समस्या कभी भी हो सकती है। अगर यह ज्यादा बढ़ जाए, तो काफी कष्टदायी होता है। ऐसे में आप इसे कम करने के लिए शुरुआत में ही अलसी का लेप लगा सकते हैं। आप एक चौथाई अलसी के बीज को थोड़े या बराबर मात्रा में सरसों के साथ पीसकर लेप बनाकर लगाएं। इससे आपको कुछ हद तक आराम मिल सकता है। अगर आपको दर्द ज्यादा महसूस हो या आपको लगे कि ठीक होने में वक्त लग रहा है, तो एक बार डॉक्टर से जांच करवा लें।

5. एंटी-एजिंग के लिए

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धूल-मिट्टी, प्रदूषण, सूरज की हानिकारक किरणें और तरह-तरह की चीजों के इस्तेमाल से त्वचा रूखी, बेजान और वक्त से पहले झुर्रियों का शिकार होने लगती है। उम्र के साथ झुर्रियों का होना सामान्य है, लेकिन यह झुर्रियां अगर उम्र से पहले दिखने लगें, तो चिंता का कारण है। ऐसे में आप अलसी को घरेलू उपाय के तौर पर उपयोग कर सकते हैं। आप अलसी का तेल लगा सकते हैं या अलसी का सेवन भी कर सकते हैं। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और कई अन्य तत्व मौजूद होते हैं (1), जो एंटी-एजिंग का काम करते हैं और झुर्रियों को कम कर सकते हैं। त्वचा को जवां रखने के लिए पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है और यही पोषक तत्व आपको अलसी में आसानी से मिल जाएगा (35)। इसके अलावा, यह त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है (36)।

6. स्ट्रेच मार्क्स के लिए अलसी

स्ट्रेच मार्क्स की समस्या सिर्फ गर्भावस्था में ही नहीं, बल्कि वजन बढ़ने और कई अन्य कारणों से भी होती है। स्ट्रेच मार्क्स आमतौर पर कमर, पेट, स्तन व जांघों पर होते हैं और इसे होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। अगर एक बार स्ट्रेच मार्क्स हो जाएं, तो उसके दाग मिटाने मुश्किल हो जाते हैं। इस पर अगर वक्त रहते ध्यान दिया जाए, तो इस दाग को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे ठीक करने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है और अलसी के बीज उन्हीं में से एक हैं। अलसी स्ट्रेच मार्क्स को हटाने में सक्षम है। आप नहाने के बाद या सोने से पहले स्ट्रेच मार्क्स पर अलसी के तेल को लगा सकते हैं। इसके लगातार उपयोग से कुछ हद तक दाग कम हो सकते हैं। हालांकि, इसका कोई प्रमाण नहीं है, यह सिर्फ अनुमान व लोगों के अनुभवों पर आधारित है। इसके अलावा यह इस पर भी निर्भर करता है कि दाग कितने पुराने हैं।

इस लेख में हम आगे बात करेंगे कि अलसी बालों के लिए किसी प्रकार लाभकारी है।

बालों के लिए अलसी के फायदे – Hair Benefits of Flax Seeds in Hindi

Hair Benefits of Flax Seeds in Hindi

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हर कोई चाहता है कि उसके बाल लंबे, घने, मुलायम, चमकदार और खूबसूरत हों। इसके लिए लोग बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। इनसे बाल अच्छे नजर आने की जगह रूखे और बेजान होकर गिरने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कुछ घरेलू उपायों को अपनाया जाए, अलसी उन्हीं में से एक है।

1. बालों को झड़ने से रोके अलसी

खूबसूरत लंबे बाल जब झड़ने लगते हैं, तो यह काफी दुखदायी होता है। बालों का झड़ना अक्सर मौसम की वजह से, पोषक तत्वों की कमी से या किसी चीज के साइड इफेक्ट से होता है। जरूरी नहीं कि आप हर चीज के लिए दवाइयों का ही सेवन करें, कुछ घरेलू नुस्खे और पोषक तत्वों के सेवन से भी आपके बालों का झड़ना कम हो सकता है (37)। बालों का झड़ना रोकने के लिए आप अलसी का उपयोग कर सकते हैं। अलसी में प्रचुर मात्रा में विटामिन, ओमेगा – 3 फैटी एसिड, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व हैं (1), जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं। अलसी बालों की जड़ों को नमी प्रदान करती और उन्हें खूबसूरत व चमकदार बनाती है। आप अलसी का जेल बनाकर अपने बालों में लगा सकते हैं। इसकी विधि हम नीचे आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

अलसी का जेल

सामग्री

  • दो कप पानी
  • चार चम्मच अलसी के बीज

नोट: सामग्री आप अपनी आवश्यकतानुसार ले सकते हैं।

बनाने और लगाने की विधि

  • दो कप पानी को उबालें।
  • जब पानी उबलने लगे, तो इसमें चार चम्मच अलसी के बीज मिला दें।
  • अब इसे किसी चीज से ढककर 10 से 15 मिनट तक उबलनें दें।
  • इसके बाद गैस बंद कर दें और छान लें।
  • इस मिश्रण को आप सुबह बालों पर लगाएं और कुछ मिनट बाद धो लें।

कब लगाएं?

आप इसे हर रोज या हर दूसरे दिन सुबह लगा सकते हैं।

इसके अलावा, आप अलसी का तेल भी लगा सकते हैं या अलसी का सेवन भी कर सकते हैं।

2. डैंड्रफ के लिए अलसी

डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली की परेशानी किसी को भी हो सकती है। इसमें कई बार शैंपू भी असर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप अलसी के तेल से बालों की मालिश कर सकते हैं। अलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और स्कैल्प की खुजली की समस्या को कम कर सकते हैं (29) (1)।

अलसी के पौष्टिक तत्व – Flax Seeds Nutritional Value in Hindi

अलसी के औषधीय गुण अनेक हैं। इसलिए, भारत में इसे आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। अलसी को सुपर फूड कहा जाता है, क्योंकि यह गुणों और पौष्टिक तत्वों का खजाना होता है। अलसी के फायदे बताने के बाद अब हम इसके पौष्टिक तत्व की सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

 

प्रिंसिपलन्यूट्रिएंट वैल्यूपर्सेंटेज ऑफ आरडीए
एनर्जी534 Kcal27%
कार्बोहाइड्रेट28.8 g22%
प्रोटीन18.3 g32.5%
टोटल फैट42.16 g170%
कोलेस्ट्रॉल0 mg0%
डाइट्री फाइबर27.3gm68%
विटामिन्स
फोलेट्स87 µg22%
नियासिन3.08 mg19%
पैंटोथेनिक एसिड0.985 mg20%
पायरीडॉक्सीन0.473 mg36%
राइबोफ्लेविन0.161 mg12%
थायमिन1.64 mg137%
विटामिनए0 IU0%
विटामिनसी0.6 mg1%
विटामिनई19.95 mg133%
विटामिनके4.3 µg3.5%
इलेक्ट्रोलाइट्स
सोडियम30mg2%
पोटेशियम813mg17%
मिनरल्स
कैल्शियम255 mg22%
कॉपर1.12 mg124%
आयरन5.73 mg72%
मैग्नीशियम392 mg98%
मैंगनीज2.48 mg108%
जिंक4.34 mg39%
फाइटोन्यूट्रीएंट्स
बीटा कैरोटीन0 µg
लुटिनजियाजैंथिन651 µg

भले ही अलसी पोषक तत्वों का खजाना है, लेकिन आप याद रखें कि यह कोई जादू की गोली नहीं है कि आप तुरंत इसका सेवन करो और आपको फायदा नजर आने लगे। आपको इसके सेवन के बाद धैर्य रखना होगा और साथ ही अपनी जीवनशैली व खानपान का भी ध्यान रखना होगा।

अलसी खाने के फायदे बताने के बाद हम आपको यह भी बता रहे हैं कि अलसी कितने प्रकार की होती है।

अलसी के प्रकार – Types of Flax Seeds in Hindi

अलसी दो प्रकार के होते हैं।

  1. भूरी अलसी – भूरी अलसी दिल के लिए फायदेमंद होती है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है।
  2. पीली या सुनहरे रंग की अलसी – सुनहरी या पीली अलसी में प्रोटीन की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है।

ये दोनों ही अलसी के प्रकार आपको बाजार में मिल जाएंगे।

अलसी खाने का सही समय और सही तरीका – Best Way to Eat Flax Seeds in Hindi

अलसी के फायदे जानने के बाद आप इसे अपने आहार में शामिल करने का अगर सोच रहे हैं, तो इसके सेवन करने के बारे में भी विस्तार से जान लें। अलसी के बीज का अगर आप सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि यह आपके शरीर से बिना पचे ही निकल जाए। अलसी खाने के फायदे तब और ज्यादा बढ़ जाएंगे, जब आप इसे सही समय और सही तरीके से खाएंगे। यहां हम आपको अलसी खाने का सही समय और सही तरीका बता रहे हैं।

  1. आप अलसी को पाउडर के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इससे आपको अलसी में मौजूद सारे पोषक तत्व मिलेंगे।
  2. आप अलसी के बीज को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगो दें और फिर उसका सेवन करें।
  3. अगर आप ठंडे पानी में अलसी के बीज भिगो रहे हैं, तो दो से तीन घंटे के लिए भिगोएं।
  4. ध्यान रहे आप अलसी के बीज के साथ खूब पानी पिएं।
  5. आप अलसी के लड्डू खा सकते हैं।
  6. आप अपने नाश्ते के साथ, स्मूदी के साथ या सलाद के साथ भी अलसी खा सकते हैं।
  7. आप अलसी के पाउडर को दही व दलिये में डालकर खा सकते हैं।
  8. अलसी को खाने का सबसे अच्छा वक्त है सुबह का है। आप सुबह नाश्ते के साथ अलसी का सेवन करें।

अलसी को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें – How to Store Flax Seeds in Hindi

How to Store Flax Seeds in Hindi

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कई लोगों के मन में सवाल आता होगा कि अलसी को सुरक्षित कैसे और कितने दिनों तक रख सकते हैं। इस बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।

  • आप अलसी के बीज को किसी एयर टाइट जार में डालकर अच्छे से बंद करके फ्रिज में स्टोर करके रखें।
  • आप अलसी के बीज का पाउडर बनाकर उसे भी एयर टाइट कंटेनर में बंद करके फ्रिज में रख सकते हैं।
  • इसके अलावा आप जब भी अलसी खरीदने जाएं, तो उसकी पैकिंग की तिथि और कब तक इस्तेमाल कर सकते हैं वो तिथि भी देख लें।
  • इसके अलावा, अगर आप अलसी के बीज का सेवन या उसका उपयोग ज्यादा नहीं करते हैं, तो कोशिश करें कि उसका छोटा पैकेट ही खरीदें।

अलसी के नुकसान – Side Effects of Flax Seeds in Hindi

हर चीज का फायदा और नुकसान दोनों है, अगर किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए, तो उसका नुकसान भी होता है। उसी तरह अगर अलसी के फायदे हैं, तो अलसी के नुकसान भी हैं। इसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

  1. जरूरत से ज्यादा अलसी खाने से पेट खराब की समस्या हो सकती है।
  2. जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की परेशानी है, वो अगर अलसी का सेवन करेंगे तो उनका ब्लड प्रेशर और कम हो सकता है।
  3. अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भावस्था में इसका सेवन खतरनाक हो सकता है।
  4. अलसी से एलर्जी जैसे – रैशेज, जलन या खुजली की परेशानी हो सकती है।
  5. अलसी का सेवन खून को पतला करता है। ऐसे में अगर आपको चोट लगे या घाव हो, तो घाव भरने में वक्त लग सकता है।
  6. डायबीटीज के मरीज अगर अलसी का सेवन कर रहे हैं, तो हर कुछ दिनों में अपना ब्लड शुगर लेवल जांचते रहे, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल बहुत कम कर देता है।

अलसी खाने के नुकसान के साथ-साथ यह भी जान लीजिए कि किन्हें अलसी नहीं खानी चाहिए।

अलसी किन किन लोगों को नहीं खाना चाहिए – Who Should Avoid Flax Seeds in Hindi

अलसी के नुकसान के साथ-साथ हम इस लेख में आपको यह भी बता रहे हैं कि किन किन लोगों को अलसी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

  1. बच्चों को अलसी का सेवन न कराएं।
  2. गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं अलसी से परहेज करें। अगर उन्हें अलसी खानी भी है, तो एक बार डॉक्टर से पूछ लें।
  3. जिनको मासिक धर्म के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग की परेशानी होती है।
  4. जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर या ओवेरियन कैंसर रह चुका हो।
  5. जिन पुरुषों को प्रोस्टेट की परेशानी हो।
  6. जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हों।

अलसी खाने के फायदे जानने के बाद आप इसे अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहेंगे, लेकिन याद रखें कि अगर आपको किसी चीज से जल्दी एलर्जी होती है, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें। इसके अलावा, डॉक्टर से जरूर पूछ लें कि इसे कब, कितना और कैसे खाना है, क्योंकि हर किसी के शरीर की बनावट और जरूरत अलग-अलग होती है। बेशक, अलसी खाने के फायदे हैं, लेकिन आपको इसके लिए धैर्य रखना होगा, क्योंकि इसका असर नजर आने में समय लगता है। अलसी खाएं और हमारे साथ अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।

अच्छा खाएं, स्वस्थ रहें।

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